यह तो आपको पता ही होगा कि कुछ लोग हर चोटी से चोटी और बडे से बडे चीज़ को एकत्रित करते रहते हैं। चाहे वो एक छोटी सी पुडिया हो, या कोई नुमाइश कि चीज़। क्यों ना इसी तरह विचारों कि पोटली बनायी जाये? विचार जिन्हे सुनकर घर वाले हँसे, जिन्हे सुनते ही दोस्त कहे कि दिमाग घास चरने गयी है, जिन्हे साकार करने के लिए आप कुछ भी करने के लिए तैयार हैं.......... ।
विचार उन्नति कि एक जीवन धारा है। लेकिन इन्हें तुरंत साकार करना मुश्किल हो जाता है। कभी कभी तो जब तक हम उनपर अपनी दृष्टि दल सके हम भूल ही जाते हैं.
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